दो पल की हसीं

ये जो में लगातार

पल पल जूझता रहता हूं,

कभी किसी से कभी किसी से

ये सब बस तेरी दो पल की हंसी के लिए ही तो है

वरना में तो कब से लबा लब हूं अपनी खुद की जिंदगी के किरदारों की करस्तानियों से ।

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Manmohan Kasana

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